आईआरसीटीसी यात्री को दे 25 हजार रुपये

आरक्षित टिकट के कंफर्म न होने पर यात्री को किराया न लौटाने के मामले में नई दिल्ली जिला उपभोक्ता फोरम ने अपना फैसला सुनाया।

फोरम ने यात्री को टिकट किराया, मुकदमे का खर्च व मुआवजे के तौर पर 25 हजार रुपये देने का आदेश आईआरसीटीसी को दिया।

नई दिल्ली निवासी सुब्रत भौमिक की शिकायत पर सुनवाई करते हुए फोरम ने यह फैसला सुनाया।

शिकायतकर्ता ने दो नवंबर 2010 को तत्काल सेवा के अंतर्गत दिल्ली आने के लिए छह टिकट बुक करवाई थीं।

चार्ट बनने पर रेलवे पूछताछ से पता चला कि टिकट कंफर्म नहीं हो पाई, जिसकी वजह से उसे बस से यात्रा करनी पड़ी।

टिकट का इस्तेमाल न होने पर जब सुब्रत उन्हें वापस करने गया तो उसे बताया गया कि टिकट कंफर्म कर दी गई थीं। आरटीआई के तहत सूचना मांगने पर जानकारी मिली कि चार्ट बनने के बाद टिकट कंफर्म नहीं किया जाता।

आईआरसीटीसी ने अपने बचाव में कहा कि टिकटें कंफर्म हो गई थीं। चूंकि ये तत्काल सेवा में आरक्षित करवाई गई थीं, इसलिए नियमानुसार किराया नहीं लौटाया जा सकता।

फोरम ने आरटीआई से मिले जवाब के आधार पर आईआरसीटीसी की इस दलील को खारिज कर दिया।

फोरम के अध्यक्ष सीके चतुर्वेदी ने अपने फैसले में कहा कि यात्री व अन्य लोगों को रेलवे की खराब सेवा के कारण परेशान होना पड़ा।

किराया लौटाने के लिए यात्री ने 12 नवंबर 2010 को आवेदन किया था। तीन साल बाद भी टिकट का पैसा न लौटाया जाना रेलवे की कार्यक्षमता में अभाव को दर्शाता है।

फोरम ने रेलवे को सेवा में कोताही का दोषी माना और उसे 25 हजार रुपये शिकायतकर्ता को देने का आदेश दिया।

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